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SHAHEED BHAGAT SINGH COLLEGE

(University of Delhi)

Accredited by NAAC with ‘A’ Grade

2024-25

प्रोग्राम ‘अनहद’

  • दिनांक 24 नवंबर 2024, को दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित महाविद्यालय की श्रेणी में आने वाले शहीद भगत सिंह महाविद्यालय मेंहिंदी मीडिया और लोकतंत्रविषय परअनहदका आयोजन हुआ। इस व्याख्यान में वरिष्ठ प्रोफेसर सुधा सिंह(हिंदी विभाग,दिल्ली विश्वविद्यालय), सिक्ता देव (एन.डी.टी.वी पत्रकार) और नीलू रंजन (विशेष संवाददाता दैनिक जागरण) ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई|

 

  • तीनों अतिथियों ने लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ यानी कि मीडिया और लोकतंत्र के संबंध, पत्रकारिता के क्षेत्र में हिंदी का महत्व आदि पर चर्चा करते हुए सभी का ज्ञानवर्धन किया।

 

प्रोग्राम ‘अनहद 2.O’ 

  • दिनांक 04 अक्टूबर 2024, को दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित महाविद्यालयों की श्रेणी में आने वाले शहीद भगत सिंह महाविद्यालय मेंवैश्विक स्तर पर हिंदी शिक्षण: दशा और दिशाविषय परअनहद 2.0’ का आयोजन हुआ। व्याख्यान में डॉ. ग्रेगरी वाई गोल्डिंग (एसोसिएट प्रोफेसर, साउथ एशिया अध्ययन विभाग) और डॉ सुनील कुमार वर्मा (असिस्टेंट प्रोफेसर, हिन्दी विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय) ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई|

 

  • कार्यक्रम में दोनों अतिथियों द्वाराहिंदी भाषा और साहित्यकी वैश्विक स्तर पर बढ़ती लोकप्रियता प्रयोग के अलग स्तर आदि के बारे में बताया गया। उन्होंने अपने वक्तव्य में यह भी कहा कि भारत की आर्थिक शक्ति और सांस्कृतिक प्रभाव के कारण दुनिया भर में हिंदी सीखने वालों की संख्या बढ़ रही है तथा हिंदी भाषा का भविष्य विश्व में उज्जवल है।

 

‘अनहद 3.O’

  • दिनांक 21 फरवरी 2025, को दिल्ली विश्वविद्यालय की श्रेणी में आने वाले शहीद भगत सिंह महाविद्यालय मेंबाजार और स्त्री मुक्ति का प्रश्नविषय परअनहद 3.0’ का आयोजन हुआ। इस व्याख्यान में प्रो. स्वाति श्वेता(प्रोफेसर, हिंदी विभाग, गार्गी कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय) और डॉ ज्योति चावला(एसोसिएट प्रोफेसर, इग्नू, नई दिल्ली) ने अपनी उपस्थिति दर्ज करा कर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

 

  • कार्यक्रम में दोनों अतिथियों नेबाजार और स्त्री मुक्ति का प्रश्नपर अपनाअपना मत दिया, दोनों ने स्पष्ट कहा कि बाजार का उद्देश्य केवल मुनाफा है सामाजिक क्रांति या विकास नहीं। उनका मानना है कि प्रयासों की जड़ में भी केवल मुनाफा ही बाजार का लक्ष्य है। उन्होंने स्टेरीओटाइप को तोड़ने की बात कही तथाओब्जेक्टीफीकेशन ऑफ़ वीमेनपर अपनी बात रखी

 

अनहद 4.O’  

  • दिनांक 03 मार्च 2025, को दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित महाविद्यालय की श्रेणी में आने वाले शहीद भगत सिंह महाविद्यालय मेंरचना प्रक्रिया और लेखक से मुलाकातविषय पर  अनहद 4.0 का आयोजन हुआ। इस व्याख्यान में डॉ. उमाशंकर चौधरी (सुप्रसिद्ध लेखक, असिस्टेंट प्रोफेसर, स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज) और डॉ. प्रवीण कुमार (सुप्रसिद्ध कथाकार,एसोसिएट प्रोफेसर, हिन्दी विभाग, दिल्ली  विश्वविद्यालय) ने अपनी उपस्थिति दर्ज करा कर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। साथ ही इस कार्यक्रम मेंयायावर उपन्यासपुस्तक का विमोचन भी किया गया।

 

  • कार्यक्रम में दोनों अतिथियों द्वारा रचना लेखन के महत्व के बारे में बताया गया। उनके द्वारा कहा गया कि किसी भी लेखक में अपरिपक्वता होना आवश्यक है, यदि हमारे अन्दर परिपक्वता जाती है तो शायद हम एक सफल रचनाकार नहीं बन सकते।

 

  • साहित्य में बौद्धिक ज्ञान की अपेक्षा उन्होंने ग्रहणशीलता के गुण के बारे में बताया। साथ ही लेखन कार्य को प्रतिदिन करते रहना जरूरी बताया। एक सफल लेखक में संवेदनशीलता के महत्व पर भी प्रकाश डाला।

 

हिंदी वार्षिकोत्सव

मंत्रणा

  • दिनांक 22 मार्च 2025, शनिवार को शहीद भगत सिंह महाविद्यालय में हिंदी दिवस समारोह के अंतर्गत एक सेमिनार का आयोजन किया गया जिसका विषयस्त्री सशक्तिकरण : चुनौतियां और अवसरथा I इस सेमिनार का मुख्य उद्देश्यमंत्रणाथीम के माध्यम से विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर चर्चा करना था। कार्यक्रम में काव्य पाठ, निबंध लेखन, भाषण प्रतियोगिता,और लोकगीत प्रतियोगिता जैसी विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।

 

  • कार्यक्रम की मुख्य अतिथि हिंदी विभाग की वरिष्ठ प्रोफेसर, सुधा सिंह जी थीं। उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह विषय समाज के लिए केवल जरूरी है, बल्कि यह समाज के समग्र विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने उल्लेख किया कि महिलाओं को आज भी विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जैसे लिंग भेदभाव, घरेलू हिंसा, और आर्थिक असमानता। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि महिलाएं अब अपने अधिकारों के लिए आवाज उठा रही हैं और समाज में परिवर्तन लाने के लिए संघर्ष कर रही हैं।

 

  • प्रोफेसर सुधा सिंह ने कहा कि स्त्री सशक्तिकरण के लिए शिक्षा, आर्थिक स्वतंत्रता, और सामाजिक समर्थन आवश्यक हैं। उन्होंने यह भी बताया कि पुरुषों की भूमिका भी इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे महिलाओं के अधिकारों का समर्थन करके लिंग भेदभाव को कम कर सकते हैं। उनका वक्तव्य श्रोताओं के लिए अत्यंत प्रेरणादायक और प्रभावशाली था, जिसने सभी को स्त्री सशक्तिकरण के बारे में गहराई से सोचने की दिशा दी।

 

प्रतियोगिताएँ और विजेता सम्मान:

इस सेमिनार में विभिन्न महाविद्यालयों के छात्रों ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लिया। काव्य पाठ, निबंध लेखन, भाषण प्रतियोगिता, और लोकगीत प्रतियोगिता ने छात्रों के रचनात्मक और भाषिक कौशल को प्रदर्शित करने का शानदार अवसर प्रदान किया। विजेताओं को कार्यक्रम में सम्मानित किया गया, और उनके उत्कृष्ट प्रयासों की सराहना की गई। इन प्रतियोगिताओं में छात्रों ने अपनी कला और विचारों का प्रदर्शन किया, जो सेमिनार के उद्देश्य को और अधिक सशक्त बनाते हैं।

समारोह का समापन:

इस प्रेरक कार्यक्रम के साथ ही हिंदी साहित्योत्सव समारोह का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। छात्रों और उपस्थित श्रोताओं ने कार्यक्रम को सराहा और इसने सभी को सामाजिक मुद्दों पर सोचने और बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया।

‘अनहद 5.O’

  • दिनांक 08 अप्रैल 2025, मंगलवार को हिंदी सृजन साहित्य सभा द्वाराअनहद 5.0” के अंतर्गत एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार का विषय था – “कबीर और आज का समाज”, जो वर्तमान समय में अपनी गूंज और प्रासंगिकता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

 

  • इस संगोष्ठी के मुख्य वक्ता रहे प्रोफेसर अनिल राय, जो इस समय दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। कार्यक्रम का शुभारंभ हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. राजकुमार राजन ने किया। अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने संत कबीर की विचारधारा, उनके सामाजिक योगदान और आज के युग में उनकी प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला।

 

  • मुख्य वक्तव्य में प्रोफेसर अनिल राय ने संत कबीर को मध्यकालीन हिंदी साहित्य का एक सशक्त स्वर बताते हुए कहा कि कबीर की कविताएँ आज भी समाज को आईना दिखाने का कार्य कर रही हैं। उन्होंने बताया कि कबीर सीधे जनता से संवाद करते हैं, उनकी कविता जीवन की सच्चाई और जनवादी सोच से ओतप्रोत है।

 

  • प्रो. राय ने यह भी कहा कि कबीर ने सत्ता और पाखंड का विरोध किया, निर्गुण भक्ति का समर्थन किया और कर्म को जीवन का आधार माना। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि कबीर की कविता आत्मानुभूति की कविता है, जो व्यक्ति को अपने भीतर झाँकने की प्रेरणा देती है। जब ज्ञान के साथ संवेदना जुड़ जाती है, तभी वह समाज को दिशा देने में सक्षम होता हैयह कबीर का मूल संदेश रहा है।

 

  • यह सेमिनार केवल अकादमिक रूप से समृद्ध रहा, बल्कि विद्यार्थियों और शोधार्थियों के लिए संत कबीर के विचारों को नए दृष्टिकोण से समझने का एक उत्तम अवसर भी सिद्ध हुआ।

 

 
  1. अभिमुखीकरण कार्यक्रम: हिंदी साहित्य सभा, हिंदी विभाग, हिंदी भाग्य मास्टर हावर्डिय (दिल्ली विश्वविद्यालय) में हिंदी प्रतिष्ठा के नागरिक विद्यार्थियों द्वारा 16/08/2023 को उनका पदभार ग्रहण कराया गया। उनके लिए एक उद्घाटन समारोह आयोजित कर उनका अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम में विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय की विभिन्न गतिविधियों के बारे में जानकारी दी गई। विद्यार्थियों को सजन हिंदी साहित्य सभा के बारे में बताया गया कि हिंदी विभाग की सजन हिंदी साहित्य सभा किस प्रकार अपना कार्य करती है तथा इस सभा में सदस्यों की क्या भूमिका होती है।
  1. व्याख्यान: साजन, हिंदी साहित्य सभा द्वारा 22 नवंबर, 2023 को ‘कहानी और समाज’ विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता सत्यनारायण पूजा (दिल्ली विश्वविद्यालय) के डॉ. प्रवीण कुमार थे। अपने व्याख्यान में डॉ. प्रवीण कुमार ने कहानी और समाज के बीच के गैर-अनुशासनात्मक संबंध पर गंभीर विचार करते हुए बताया कि किस तरह की कहानी समाज को न केवल सजाती है बल्कि बनाती भी है, वहीं दूसरी ओर उन्होंने हिंदी कहानी के कई संदर्भों को ध्यान में रखते हुए बताया कि किस तरह का समाज कहानी को रचनात्मक जीवन प्रदान करता है।
  1. कार्यशाला: हिंदी साहित्य सभा ने 3 अप्रैल, 2024 को ‘स्नातक के बाद करियर विकल्प’ विषय पर कार्यशाला आयोजित की। कार्यशाला भगवंत मस्जिद विश्वविद्यालय के हिंदी करियर विभाग के प्रोफेसर अतानी कुमार के मार्गदर्शन में आयोजित की गई। इस अवसर पर प्रोफेसर अतानी कुमार ने अपने व्याख्यान में हिंदी के छात्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए रोजगारपरकता के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि हिंदी विषय से स्नातक करने वाले छात्रों के लिए रोजगार के कई क्षेत्र और अवसर हैं। इस संबंध में उन्होंने छात्रों के समक्ष रोजगार से संबंधित क्षेत्रों की एक लंबी सूची प्रस्तुत की और इससे संबंधित टिप्स भी दिए।
  1. आगाज-ए-खैरी, 2024: साजन, हिंदी साहित्य सभा द्वारा 1 मई, 2024 को हिंदी विभाग का वार्षिक उत्सव ‘आगाज-ए-खैरी’ आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम दो चरणों में आयोजित किया गया। पहले चरण में काव्य समीक्षक विजयेंद्र नारायण साही की जयंती के उपलक्ष्य में ‘साही जी का काव्य व्याख्यान सह काव्यपाठ’ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य व्याख्याता हिंदी के प्रख्यात लेखक-आलोचक प्रोफेसर सर गोपेश्वर सिंह थे। उन्होंने वरजयदेव नारायण साही के साहित्यिक योगदान को व्यापक रूप से सभी के सामने प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम का दूसरा वर्ष युवा आवरण उज्ज्हि काख था। कार्यक्रम के दूसरे चरण में दो प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं- I. कविता पाठ प्रतियोगिता और  II. साहसिक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता।